श्री रामचरितमानस में उल्लेख है, गुरु गृह पढ़न गए रघुराई। अलप काल विद्या सब आई ।। एवं हिंदी में एक कहावत है, “होनहार बिरवान के होत चीकने पात” अर्थ यही है कि किसी की भी प्रतिभा का पता उसके बचपन में ही चल जाता है । माहेश्वरी समाज के लिये अत्यंत गर्व एवं हर्ष का विषय है कि इस वर्ष समाज की कुछ बाल प्रतिभाओं को “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार“ से सम्मानित किया जा रहा है। (1) चि. देवेश पंकजजी भैया ( जलगांव) (2) चि. दर्श आदित्यजी मालानी (हैदराबाद) (3) चि. अनमोल इंद्रगोपालजी राठी (रायपुर) (4) चि. चिराग पलोड़ (दिल्ली) आप सभी को महामहिम राष्ट्रपतिजी श्री रामनाथजी कोविंद के कर कमलों से आज पुरस्कार प्राप्त हुआ। ये सभी प्रतिभाशाली बच्चे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी से भी मिलेंगे और 26 जनवरी के आयोजन में भी सम्मिलित होंगे।
अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के महासभापति श्री श्यामसुन्दरजी सोनी
ने सभी प्रतिभाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन समाज के लिए अभूतपूर्व है। समाज के चार बच्चों को सम्मानित किया गया। ऐसा लग रहा है की जैसे राष्ट्रपतिजी माहेश्वरी समाज के किसी कार्यक्रम में उपस्थित हो। उन्होंने आगे बताया कि चि. दर्श
मालानी को जोधपुर महाधिवेशन के प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में महासभा द्वारा
भी सम्मानित किया गया था। महासभा की ओर से इन सभी बाल प्रतिभाओं और उनके परिवार को बहुत बहुत बधाई। सभी बच्चे चिरंजीवी हों यशस्वी हों यही शुभकामनाएँ।