स्वामी मुकुंदानंदजी का आंतरिक खुशी और सफलता के सात सूत्र विषय पर व्याख्यान
स्वामी मुकुंदानंदजी का आंतरिक खुशी और सफलता के सात सूत्र विषय पर व्याख्यान

शांति और सुख का अनुभव वस्तुओं से नहीं होता, मन की सोच से होता है। मन अगर अशांत है तो आपको स्वर्ग में बैठे-बैठे नरक की यातनाओं का अनुभव करा देता हैं और मन अगर शांत है तो नर्क में बैठे-बैठे स्वर्गिक सुख की अनुभूति भी करा सकता है। हमें यदि सुखी रहना है तो मन के प्रबंधन के विज्ञान को समझना होगा।

यह बात स्वामी मुकुंदानंद ने रविवार सुबह आनंदमयी आश्रम में माहेश्वरी समाज संयोगितागंज क्षेत्र तथा माहेश्वरी समाज पूर्वी क्षेत्र के संयुक्त आयोजन को संबोधित करते हुए कही। उन्हाेंने कहा कि भगवान ने हर मनुष्य को विलक्षण बनाकर भेजा है। साथ में उसे कुछ प्रफुल्लित होने का सामान तो कुछ रोने धोने का इंतजाम भी किया है। यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह भगवान की दी गई इन भेंटों को किस तरह उपयोग में लेता है।

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Gulabpura - Sun, 19 Jan 2020खेलकूद
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